कोरोना वायरस के चलते केदारनाथ में बदलनी पडी परंपरा, खुले कपाट, पढ़े हमारी विशेष कवरेज
विश्व प्रसिद्ध बाबा केदारनाथ धाम के कपाट वैदिक विधि विधान और पूजा अर्चना के बाद आज सुबह 6:10 बजे शुभ मुहुर्त में खोल दिए गए। कोरोनावायरस के चलते हुए लॉकडाउन के कारण इस बार कपाट खुलने के मौके पर यहां तीर्थयात्री और स्थानीय लोगों की उपस्थिति नहीं के बराबर थी। केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने कपाट खुलने की परम्परा का निर्वहन किया। जबकि उनके साथ देवस्थानम बोर्ड के प्रतिनिधि के तौर पर बीडी सिंह समेत पंचगाई से संबंधित 20 कर्मचारी कपाट खुलने पर यहां पहुंचे। इसके अलावा पुलिस और प्रशासन के करीब 15 लोग यहां मौजूद रहे।
मंदिर और यात्रा से जुड़ी कई परंपराओं को इस बार बदलना पड़ा
हर बार इस पूजा और भोग के बाद मंदिर को दर्शन के लिए खोला जाता है। लेकिन इस बार दर्शन के लिए यात्रियों के यहां आने पर मनाही है। कोरोना के चलते इस इलाके में भी प्रशासन ने भीड़ जमा होने पर पाबंदी लगा रखी है। यही वजह थी कि मंदिर और यात्रा से जुड़ी कई परंपराओं को इस बार बदलना पड़ा। केदारनाथ मंदिर के रावल कपाट खुलने के दौरान मौजूद नहीं थे। वह 19 अप्रैल को महाराष्ट्र से उत्तराखंड पहुंचे और ऊखीमठ में 14 दिन के क्वारैंटाइन में हैं। रावल 3 मई को केदारनाथ पहुंचेंगे।
12 ज्योतिर्लिंगों में यह सबसे ज्यादा ऊंचाई पर बना है मंदिर
मंदिर के पट हर साल वैशाख महीने यानी मार्च-अप्रैल में खोले जाते हैं। करीब 6 महीने तक यहां दर्शन और यात्रा चलती है। इसके बाद कार्तिक माह यानी अक्टूबर-नवंबर में फिर कपाट बंद हो जाते हैं। कपाट बंद होने के बाद केदारनाथ की डोली ऊखीमठ ले जाई जाती है, जहां ओंकारेश्वर मंदिर में उनकी पूजा होती है। 12 ज्योतिर्लिंगों में यह सबसे ज्यादा ऊंचाई पर बना मंदिर है, जिसे आदि शंकराचार्य ने बनवाया था।
केदारनाथ धाम को 10 कुंतल फूलों से सजाया गया
इस बार मंदिर को फूलों और बिजली की लडिय़ों से सजाया गया है। बताया गया है कि केदारनाथ धाम को 10 कुंतल फूलों से सजाया गया है। सोशल डिस्टेंसिंग रहे और भीड़ न हो इसके लिए प्रशासन ने किसी भी दर्शनार्थी को केदारनाथ जाने की अनुमति नहीं दी है।
केदारनाथ धाम में चारों ओर बर्फ ही बर्फ
केदारनाथ धाम में इस साल अधिक बर्फ गिरने की वजह से मंदिर के चारों ओर बर्फ ही बर्फ दिखाई दी। यहां पहुंचे लोगों ने मंदिर के आसपास कुछ बर्फ साफ भी की, परिसर में करीब 4 फीट बर्फ के बीच आने जाने के लिए रास्ता बनाया गया है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने भी दीं शुभकामनाएं
आज पूरे विधि विधान के साथ 11वें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने पर सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं। आपका मनोरथ पूर्ण हो, बाबा केदार का आशीष सभी पर बना रहे, ऐसी मैं बाबा केदारनाथ जी से कामना करता हूं। बाबा से प्रार्थना है कि समस्त मानवता की कोरोना से रक्षा करें। pic.twitter.com/CWAXECDDvl
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) April 29, 2020
यात्रा होगी या नहीं, इस पर फैसला अब तक नहीं हो सका
वहीं, ऊखीमठ से केदारनाथ की डोली इस बार दो दिन में ही पहुंच गई और उसे गाड़ी में लाया गया। यह दूसरा मौका है जब डोली गाड़ी में आई है, इससे पहले देश में इमरजेंसी के वक्त ऐसा किया गया था। कोरोना की वजह से देशभर में जारी लॉकडाउन का प्रभाव चारधाम यात्रा पर भी पड़ा है। यात्रा होगी या नहीं इस पर फैसला अब तक नहीं हो सका है। पिछले साल 32 लाख लोगों ने चारधाम यात्रा की थी।
15 मई को खुलेंगे बद्रीनाथ के कपाट
सरकार ने इसे आगे बढ़ाने को कहा था, लेकिन रावल और हकहकूकधारियों की एक बैठक में पहले से तय तारीख पर ही पट खोलने का फैसला लिया गया। वहीं, बद्रीनाथ के कपाट पहले 30 तारीख को खुलने थे, जिसे अब बदलकर 15 मई कर दिया गया है।
यहां कर सकते हैं लाइव दर्शन