उत्तराखंड: लोगों को गांवों की तरफ लौटाने की एक और मुहिम

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उत्तराखंड: लोगों को गांवों की तरफ लौटाने की एक और मुहिम

पलायन रोकने और रिवर्स पलायन को बढ़ाने की तरफ सूबे की त्रिवेंद्र रावत सरकार इनदिनों कई योजनाएं चला रही है। इस बीच सरकार को ख्याल आया है कि क्यों न उन लोगों से भी रिवर्स पलायन पढ़ाने के टिप्स लिए जाएं लोग मैदान छोड़कर अपने गांवों की ओर लौटे हैं।

उत्तराखंड सरकार ने ठाना है कि जिन लोगों ने मैदान छोड़कर गांवों की तरफ रुख किया और फिर यहां मिसाल पेश की उन लोगों के अनुभव साझा किए जाएं। ऐसे लोगों से सरकार टिप्स लेना चाहती है ताकि प्रचार प्रसार कर ये टिप्स दूसरे लोगों तक भी पहुंचे और वे भी रिवर्स पलायन को तैयार हों।

इस कड़ी में पलायन आयोग अगले साल के मार्च महीने में रिवर्स पलायन करने वाले ऐसे लोगों का एक सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है। इस बाबत मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत निर्देश दे चुके हैं।

आपको बता दें कि पिछले कुछ सालों में सैकड़ों लोगों ने गांवों का रुख किया है। इनमें कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने गांवों में लौटकर खेती किसानी शुरू की है। पारंपरिक खेती छोड़ कुछ लोग जड़ी बूटी उगा रहे हैं तो कुछ लोग बागवानी कर अच्छा खासा आमदनी अर्जित कर रहे हैं। कुछ लोगों ने कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दिया है तो कुछ ने वैकल्पिक ऊर्जा और स्टे होम्स पर काम किया है।

आपको ये भी बता दें कि उत्तराखंड के 1702 गांव ऐसे हैं जहां एक भी आदमी नहीं रह गया है। कई ऐसे गांव हैं जहां इंसानों की संख्या उंगलियों में गिनने लायक रह गई है। ऐसे में रिवर्स पलायन बढ़ाने की तरफ उठाए जा रहे सरकार के सभी कदमों की सराहना की जानी चाहिए।

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