कैबिनेट बैठक से लेकर केदारनाथ के कपाट खुलने तक, जानिए उत्तराखंड के प्रमुख समाचार
उत्तराखंड कैबिनेट के अहम निर्णय
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आज राज्य कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने बैठक के बाल लिए गए निर्णयों की जानकारी दी. बैठक में लिए गए अहम निर्णय इस प्रकार हैं.
कल (30 अप्रैल) से श्रीनगर मेडिकल कालेज में भी कोरोना जांच शुरू होगी. अल्मोड़ा और हरिद्वार में भी जांच के लिये प्रस्ताव भेजा जाएगा.
सामान्य जांच के लिये कंटेनर ओपीडी की फ्री सुविधा दी जाएगी।
रुद्रपुर, हरिद्वार और पिथोड़ागढ़ मेडिकल कालेज में पांच-पांच पदों की स्वीकृति.
कोरोना वारियर्स की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढाने के लिए आर्सेनिक अल्बम 30, गिलोय, अश्वगंधा ,तुलसी ,काढ़ा आदि की खरीद के लिए 2 करोड़ 48 लाख रुपये की मंजूरी दी गई.
राज्य में टेली मेडिसिन और दून हास्पिटल में ई हॉस्पिटल को मंजूरी. मुख्यमंत्री ने आज इसका उद्घाटन किया.
किसानों को खरीफ की फसल और बीज में मिलने वाली सब्सिडी के अलावा 25% अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी.
त्यूणी-पलासू और आराकोट-त्यूणी-पलासू परियोजना को जल विद्युत परियोजना निगम लिमिटेड के माध्यम से बनाने की मंजूरी.
रजिस्ट्री आफिस से संबंधित शुल्क भुगतान में ई पेमेंट की सुविधा दी गई.
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में ऑनलाइन परीक्षा के लिए फर्म चयन का अधिकार मुख्यमंत्री को दिया गया.
परिवहन सेक्टर को उबारने के लिए पैकेज की मांग
कोरोना लॉकडाउन के चलते यूं तो हर क्षेत्र की आर्थिकी प्रभावित हुई है, मगर उत्तराखंड में परिवहन व्यवस्था पर इसकी गहरी मार पड़ी है. ऐसे में संकट में फंसे परिवहन सेक्टर को उबारने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र से आर्थिक पैकेज की मांग की है.
केंद्रीय सड़क परिवहन नितिन गडकरी और राज्यों के परिवहन मंत्रियों के बीच हुई वीडियो कांफ्रेंसिग के दौरान प्रदेश के परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने यह मांग की.
उन्होंने परिवहन सेक्टर की दिक्कतों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि राज्य में चार से पांच लाख लोगों की रोजी रोटी परिवहन के कारोबार से जुड़ी हुई है, जो कि कोरोना के चलते संकट में आ गई है.
उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से पिछले एक महीने से परिवहन कारोबार ठप है. उन्होंने बतायाकि अकेले वेतन देने के लिए ही उत्तराखंड परिवहन निगम को हर माह 20 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ती है. यशपाल आर्य ने कहा कि राज्य की कमजोर माली हालत को देखते हुए परिवहन सेक्टर को विशेष पैकेज दिया जाए.
बेहद सादगी भरे माहौल में खुले केदारनाथ मंदिर के कपाट
विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर के कपाट आज ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए हैं. कोरोना संकट को देखते हुए कपाट खोलने की प्रक्रिया बेहद सादगीपूर्ण रही. कपाट खुलने के समय पूजा में पुजारी समेत सिर्फ 16 लोग ही केदारनाथ में मौजूद थे.
आज तड़के तीन बजे मंदिर में पूजा-अर्चना शुरू हुई. कपाट खुलने से पहले होने वाली सभी धार्मिक गतिविधियों को पूरा करने के बाद तय समय, सुबह 6.10 पर केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए गए.
केदारनाथ मंदिर के रावल यानी मुख्य पुजारी भीमाशंकर लिंग ऊखीमठ में चौदह दिनों के कोरेंटाउन में हैं, जिसके चलते उनके प्रतिनिधि के तौर पर पुजारी शिवशंकर लिंग ने कपाट खुलने की प्रक्रियाओं को पूरा किया.
केदारनाथ के कपाट खुलने के वक्त गत वर्षों की भांति न तो सेना का बैंड शामिल हुआ और न ही भक्तों का हुजूम उमड़ा. इस बार कपाट खुलने के वक्त केदारनाथ न पहुंच पाने वाले श्रद्धालुओं को डाक के माध्यम से प्रसाद भेजा जाएगा.