आखिर कब तक प्रदेश की स्वास्थय सेवाएं चलेंगी भगवान भरोसे : उमा सिसोदिया
देहरादून: आम आदमी पार्टी उत्तराखंड प्रवक्ता उमा सिसोदिया ने आज एक प्रेस बयान जारी करते हुए प्रदेश की स्वास्थय सेवाओं और गर्भवती महिलाओं की जान के साथ हो रहे खिलवाड़ पर सरकार पर जमकर वार किया। आप प्रवक्ता ने कहा कि यह प्रदेश का सबसे बडा दुर्भाग्य है कि इस प्रदेश के स्वास्थय मंत्री खुद मुख्यमंत्री हैं। लेकिन आज स्वास्थय सेवाएं इतनी लचर हो चुकी हैं कि अब प्रसूताओं को मजबूरन अस्पतालों के बाहर प्रसव के लिए बाध्य होना पड रहा है। आप प्रवक्ता ने टनकपुर संयुक्त चिकित्सालय के बाहर हुई घटना का जिक्र करते हुए बताया कि जच्चा-बच्चा कार्ड ना होने के चलते एक श्रमिक प्रसूता महिला को अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया। जबकि उसकी स्थिति गंभीर थी। बाद में मजबूरन उस महिला को अस्पताल के बाहर ही प्रसव को मजबूर होना पड़ा जो एक बार उत्तराखंड के स्वास्थ्य सेवाओं पर एक तमाचे से कम नहीं है। आप प्रवक्ता ने कहा कि गर्भवती महिला के प्रति अस्पताल प्रबंधन की संवेदन हीनता निंदनीय और शर्मसार कर देनी वाली घटना है।
आप प्रवक्ता ने कहा कि वह महिला गरीब श्रमिक थी। जिसने अस्पताल के बाहर एक बच्ची को जन्म दिया जो उसके लिए और होने वाले बच्चे दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता था। उमा सिसोदिया ने सवाल पूछते हुए कहा कि क्या ये सरकार सिर्फ पूंजीपतियों की है। क्या गरीब को उसके अधिकार नहीं मिलने चाहिए। आखिर क्यों अस्पताल प्रबंधन ने जच्चा-बच्चा कार्ड नहीं होने के चलते महिला को भर्ती नहीं किया। वो भी उस वक्त जब उसे डाॅक्टर और इलाज की सख्त जरुरत थी। उसका पति अस्पताल प्रशासन से गुहार लगाता रहा, लेकिन उसकी फरियाद किसी ने नहीं सुनी। जब स्थानीय लोगों ने हंगामा किया तो उसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने महिला को अस्पताल में भर्ती किया। इस घटना ने पूरे प्रदेश को शर्मसार किया है। एक तरफ मुख्यमंत्री प्रदेश के दौरे पर कोरी घोषणाओं में व्यस्त हैं, उन्हें प्रदेश की जनता की कोई फिक्र नहीं है दूसरी तरफ गरीब जनता सड़कों पर मरने को मजबूर है।
उमा सिसोदिया ने कहा कि पहाडों में स्वास्थय सेवाएं पूरी तरह से चरमरा चुकी हैं। जहां अस्पताल हैं वहां डाॅक्टर नहीं, और जहां हैं तो वहां गरीब की कोई सुनने वाला नहीं है। आखिर गरीब जनता की फरियाद कौन सुनेगा। इस सरकार की करनी और कथनी में बहुत बडा अंतर है। अस्पतालों और डाॅक्टरों को लेकर मुख्यमंत्री कई बार खोखली घोषणाएं कर चुके हैं, लेकिन हकीकत घोषणाओं से परे है। आप पार्टी पहले भी स्वास्थय सेवाओं को लेकर सरकार को चेता चुकी है,लेकिन सरकार लगातार जनता के हितों को अनदेखा करने में लगी हुई है।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आप के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने भी उत्तराखंड की चरमराती स्वास्थय सेवाओं पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि जब दिल्ली में स्वास्थय सेवाएं दुरुस्त हो सकती हैं,तो उत्तराखंड सरकार आखिर क्यों सुधार नहीं कर रही है, लेकिन सरकार की नीयत ठीक नहीं है। आज प्रदेश में विकास का पहिया थम चुका है। लोग कोरी घोषणाओं से आजिज आ चुके है। लोगों को कोरी घोषणाएं नहीं,विकास चाहिए। लेकिन मौजूदा सरकार पूरी तरह से फेल हो चुकी है। इस सरकार से आज जनता त्रस्त है। अब जनता बदलाव चाहती है। एक ऐसा बदलाव जहां जनता की समस्याएं सुनी जाएं।