लोकसभा में गूंजा चारधाम सड़क परियोजना का मुद्दा, मंत्री नितिन गडकरी ने दिये जवाब
देहरादून। लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि 825 किलोमीटर लंबी चारधाम सड़क परियोजना ऋषिकेश, यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ तक बनाया जा रहा है। 12 हजार 70 करोड़ रुपए की इस परियोजना में 53 प्रोजेक्ट में से 40 प्रोजेक्ट सरकार की तरफ स्वीकृत किए गए हैं।
12 हजार 70 करोड़ का है पूरा प्रोजेक्ट
इसके साथ ही टनकपुर-पिथौरागढ़ कैलाश मानसरोवर रोड का 85 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। चारधाम परियोजना पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि पूरे प्रोजेक्ट की कीमत 12 हजार 70 करोड़ है। इसमें 53 प्रोजेक्टेस हैं, इसमें से 671 किमी 9,474 करोड़ के 40 प्रोजेक्ट स्वीकृत हुए हैं। 646 किमी में 8,378 करोड़ के 38 प्रोजेक्ट्स अवार्ड हुए हैं, 9 प्रोजेक्ट पूरे हुए हैं जो 78 किमी के 10,025 करोड़ रुपए के हैं। 9 हजार 474 करोड़ रुपए की लागत से चारधाम परियोजना में 671 किमोमीटर सड़क बन रही है। इसके साथ ही 10 हजार 25 करोड़ रुपए के 9 प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं।
29 प्रोजेक्ट पर चल रहा काम
गडकरी के मुताबिक उत्तराखंड में चारधाम परियोजना के तहत 569 किलोमीटर के 29 प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है, साथ ही परियोजना में 605 करोड़ रुपए के दो प्रोजेक्ट टेंडर प्रक्रिया में हैं, जिसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा। लोकसभा में गडकरी ने जवाब देते हुए कहा कि उत्तराखंड में अभी तक चारधाम परियोजना के तहत 5,111 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं और सड़क निर्माण का कार्य जारी है.
सुप्रीम कोर्ट से जल्द मिलेगा क्लीयरेंस
8 सितंबर 2020 को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 2018 के सर्कुलर के अनुसार पर्वतीय क्षेत्र में इंटरमीडियट मार्ग की चौड़ाई 5.5 मीटर होनी चाहिए। लोकसभा में बोलते हुए मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि चारधाम परियोजना के तहत 13 प्रोजेक्ट की चौड़ाई के विषय में सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन है। ऐसे में इन 13 प्रोजेक्ट पर काम रूका हुआ है। इसके साथ ही उन्होने उम्मीद जताते हुए कहा कि ‘सरकार को जल्द ही पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट से पॉजिटिव क्लीयरेंस’ मिल जाएगा.
पैदल यात्रियों के लिए होगी व्यवस्था
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 13 में से 5 प्रोजेक्ट इको सेंसिटिव जोन में हैं और बाकी के 5 प्रोडेक्ट बाईपास हैं। गडकरी ने विश्वास दिलाया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पैदल चलने वाले यात्रियों के लिए व्यवस्था सरकार की तरफ से की जाएगी।