असम कांग्रेस के सहयोगी छोटे क्लब की तरह, लोग उन्हें नहीं जानते : मंत्री
गुवाहाटी, 1 मई (आईएएनएस)। सत्तारूढ़ भाजपा सरकार का मुकाबला करने के लिए असम में विपक्षी दलों को एकजुट करने के कांग्रेस के प्रयासों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य के मंत्री पीयूष हजारिका ने कहा कि इसके अधिकांश सहयोगी छोटे क्लब की तरह हैं और लोग शायद ही उन्हें जानते हों।
कांग्रेस सहित 11 विपक्षी दलों की हालिया बैठक में कर्नाटक विधानसभा चुनाव समाप्त होने के तुरंत बाद गुवाहाटी में शक्ति प्रदर्शन की योजना बनाई गई है।
हालांकि, हजारिका ने कहा कि यह महागठबंधन बीजेपी को कड़ी टक्कर देने में सक्षम नहीं है।
उन्होंने कहा, जो दल कांग्रेस के साथ गठबंधन कर रहे हैं, उनकी मतदाताओं के बीच कोई स्वीकार्यता नहीं है। लोग उन्हें जानते भी नहीं हैं। उन दलों के पदाधिकारियों के बारे में किसी को जानकारी नहीं है। कांग्रेस पार्टी के सभी 10 सहयोगियों के पास संयुक्त रूप से केवल एक विधायक और एक सांसद है।
हमें उन्हें गंभीरता से क्यों लेना चाहिए?
विपक्ष की बैठक में हालांकि ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) को आमंत्रित नहीं किया गया था।
असम कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेन बोरा ने स्पष्ट कर दिया है कि वे एआईयूडीएफ प्रमुख बदरुद्दीन अजमल को अपने पाले में नहीं चाहते हैं।
बोरा ने आरोप लगाया कि अजमल ने पिछले विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रचार के दौरान भड़काऊ बयान देकर भाजपा को हिंदू वोटों को मजबूत करने में मदद की।
कांग्रेस ने एआईयूडीएफ के साथ महागठबंधन किया था और पिछला चुनाव साथ मिलकर लड़ा था। लेकिन गठबंधन के राज्य में बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकने में नाकाम रहने के बाद दोनों पार्टियों के रिश्तों में खटास आ गई।
एआईयूडीएफ के विधायक अमीनुल इस्लाम ने कहा कि कांग्रेस बीजेपी के जाल में फंस गई है और पार्टी को गठबंधन से दूर रखने से बीजेपी को चुनाव में जीत हासिल करने में मदद मिलेगी।
हजारिका ने हालांकि इस कथन को खारिज कर दिया और कहा, कांग्रेस और एआईयूडीएफ के बीच दुश्मनी पूरी तरह झूठ है। उनका आपस में समझौता है और यह विरोध केवल मतदाताओं को बेवकूफ बनाने के लिए है।
–आईएएनएस
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