के-रेल परियोजना पर लगा विराम, 205 कर्मचारियों को अन्यत्र भेजा

0

के-रेल परियोजना पर लगा विराम, 205 कर्मचारियों को अन्यत्र भेजा

तिरुवनंतपुरम, 28 नवंबर (आईएएनएस)। पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली केरल सरकार को सोमवार को एक बड़ा झटका तब लगा, जब केंद्र ने एक आदेश जारी कर सिल्वर लाइन (के-रेल) परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए कार्यरत सभी राजस्व अधिकारियों को अन्य परियोजनाओं में समाहित करने को कहा।

पिछले हफ्ते जब यह खबर सामने आई तो भाकपा के राज्य सचिव कनम राजेंद्रन ने ऐसी कोई सूचना प्राप्त करने से इनकार कर दिया और कहा कि इस मामले पर सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चे में चर्चा की जानी है।

केंद्र के आदेश के अनुसार 11 जिलों में पदस्थापित 205 राजस्व अधिकारियों को अन्य परियोजनाओं में पदस्थापित किया जायेगा।

कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ और भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के कड़े विरोध के बावजूद विजयन और उनकी टीम परियोजना के साथ आगे बढ़ने के लिए दृढ़ थी।

इस साल की शुरुआत में त्रिकाकारा में विधानसभा उपचुनाव अभियान के दौरान मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा था कि के-रेल आएगी।

वरिष्ठ कांग्रेस विधायक तिरुवनचूर राधाकृष्णन ने इसे अव्यवहारिक करार देते हुए परियोजना को ठंडे बस्ते में डालने की मांग की, इसके अलावा उन लोगों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की भी मांग की, जिन्होंने इस परियोजना के शिलान्यास का दौरान इसका विरोध किया था।

अगस्त में विजयन ने विधानसभा को सूचित किया कि परियोजना को स्थगित नहीं किया जाएगा और केंद्र की मंजूरी का इंतजार है।

मेट्रोमैन ई.श्रीधरन ने के-रेल प्रस्ताव को मूर्खतापूर्ण बताया था और कहा था कि इसे कभी भी लागू नहीं किया जाएगा, क्योंकि यह न तो आर्थिक रूप से न ही पर्यावरण की दृष्टि से व्यवहार्य है।

इस परियोजना की परिकल्पना तिरुवनंतपुरम से कासरगोड को जोड़ने वाले 529.45 किलोमीटर के कॉरिडोर के रूप में की गई थी।

कांग्रेस और भाजपा दोनों ने कहा कि केरल के लिए इस परियोजना की जरूरत नहीं है, इसकी लागत डेढ़ लाख करोड़ रुपये से अधिक होगी। यह पर्यावरणीय और आर्थिक आपदा के अलावा अगली पीढ़ी के लिए एक बड़ा बोझ होगा।

–आईएएनएस

सीबीटी

Leave A Reply

Your email address will not be published.