म्यांमार से तस्करी, असम सरकार के प्रतिबंधों से पूर्वोत्तर राज्यों में सुपारी का व्यापार प्रभावित

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म्यांमार से तस्करी, असम सरकार के प्रतिबंधों से पूर्वोत्तर राज्यों में सुपारी का व्यापार प्रभावित

आइजोल/अगरतला, 29 नवंबर (आईएएनएस)। म्यांमार से बड़े पैमाने पर तस्करी और असम सरकार के प्रतिबंधों के कारण पूर्वोत्तर राज्यों, विशेष रूप से मिजोरम और त्रिपुरा में सुपारी किसान बहुत प्रभावित हुए हैं और केंद्रीय हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।

असम राइफल्स सहित सुरक्षा बल अक्सर म्यांमार से तस्करी कर लाई गईं दवाओं, विदेशी जानवरों और अन्य सामानों के साथ हजारों टन उत्पाद जब्त करते हैं।

सुपारी के गुप्त व्यापार पर अंकुश लगाने के लिए असम सरकार ने हाल ही में अपने क्षेत्र के माध्यम से सुपारी की ढुलाई पर कुछ सख्त प्रतिबंध लगाए, जिससे त्रिपुरा और मिजोरम के किसानों को भारत के अन्य हिस्सों में अपनी उपज की आपूर्ति करने में परेशानी हुई।

मिजोरम चर्च लीडर्स कमेटी के प्रतिनिधियों ने सोमवार को आइजोल में केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री जॉन बारला के साथ सुपारी परिवहन मुद्दे पर चर्चा की।

चर्च के नेताओं ने बताया कि कैसे असम में मिजोरम के माध्यम से बड़े पैमाने पर म्यांमार से सूखे सुपारी की तस्करी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिसके कारण मिजोरम के स्थानीय रूप से उगाए जाने वाले सुपारी के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

उन्होंने इस स्थिति के समाधान के लिए बरला के हस्तक्षेप की मांग की।

आइजोल और गुवाहाटी में असम के मंत्रियों के साथ अंतर-राज्य सीमा विवादों पर हाल की बैठकों के दौरान, राज्य के गृहमंत्री लालचामलियाना की अध्यक्षता में मिजोरम प्रतिनिधिमंडल ने असम सरकार को बताया कि राज्य में सुपारी उत्पादकों के बीच भारी अशांति है।

कांग्रेस नेता और पार्टी विधायक लालरिंदिका राल्ते ने हाल ही में बर्मी सुपारी की बड़े पैमाने पर तस्करी के कारण मिजोरम में सुपारी उत्पादकों के सामने आ रही समस्याओं को हल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप की मांग की है।

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में राल्ते ने कहा कि मिजोरम से लगी 518 किलोमीटर की सीमा के जरिए पड़ोसी म्यांमार और अन्य जगहों से सूखे सुपारी का बड़े पैमाने पर अवैध आयात हुआ है।

जबकि असम सरकार ने राज्य में सुपारी के प्रवेश को रोकने के लिए प्रतिबंध लगाए थे, कानून प्रवर्तन एजेंसियां बर्मी सुपारी और मिजोरम व त्रिपुरा में उगाए जाने वाले सुपारी के बीच अंतर नहीं कर पाई हैं, जिससे स्थानीय किसानों के लिए बिक्री में समस्याएं पैदा हो गई हैं।

इस बीच, त्रिपुरा के सुपारी उत्पादकों ने असम सरकार द्वारा अपनी उपज पर लगाए गए परिवहन प्रतिबंधों के खिलाफ सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है।

मिजोरम से सटे जंपुई हिल्स, जो संतरे के लिए प्रसिद्ध है, बड़े पैमाने पर सुपारी के उत्पादन के लिए भी जाना जाता है।

जम्पुई हिल्स के सुपारी उत्पादकों में से एक जेडी मवई ने कहा कि असम सरकार द्वारा सुपारी पर परिवहन प्रतिबंध लगाए जाने के बाद सुपारी की खेती और व्यापार पर निर्भर 2,000 से अधिक परिवार इसका खामियाजा भुगत रहे हैं।

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने हाल ही में इस मुद्दे पर असम के अपने समकक्ष हिमंत बिस्वा सरमा से बात की और समस्या को हल करने के लिए एक पत्र लिखा।

पिछले कई महीनों के दौरान, त्रिपुरा के साथ अंतर्राज्यीय सीमा पर तैनात असम पुलिस कर्मियों ने बिना किसी कारण के त्रिपुरा की सुपारी की खेपों की आपूर्ति रोक दी है।

असम पुलिस की कार्रवाई ने त्रिपुरा में सुपारी की खेती करने वालों के लिए आजीविका की समस्या पैदा कर दी है।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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