जब समांथा को डिजाइनरों से कपड़े लेने में हुई काफी मुश्किल

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मुंबई, 12 अप्रैल (आईएएनएस)। अभिनेत्री समांथा रुथ प्रभु ने याद किया कि कैसे वह और दक्षिण भारत में उनके सहयोगियों को कपड़ों को लेकर अपमानित किया गया था।

एक साक्षात्कार में, 35 वर्षीय अभिनेत्री ने बताया कि हाल के वर्षों में तमिल, तेलुगु और कन्नड़ भााषा में बनी क्षेत्रीय फिल्में बॉक्स-ऑफिस पर हिंदी सिनेमा से कितनी आगे निकल गई हैं।

सामंथा ने कहा: यह बिल्कुल अद्भुत है। एक समय था जब हम दक्षिण के कलाकार डिजाइनरों से कपड़े नहीं खरीद सकते थे क्योंकि वे कहते थे, तुम कौन हो? दक्षिण के कलाकार? क्या दक्षिण?

समांथा की आगामी फिल्म शाकुंतलम में कलाकारों, सहायक कलाकारों और जूनियर कलाकारों के लिए 3,000 से अधिक पोशाकें हैं, जिन्हें डिजाइनर नीता लुल्ला ने बनाई हैं। समांथा ने कहा, हम वहां से एक लंबा सफर तय कर चुके हैं, है ना? यह समावेश काफी अद्भुत है, और अब हम आखिरकार वहीं हैं जहां हमें होना चाहिए।

पिछले दो वर्षों में, आरआरआर, केजीएफ, पुष्पा: द राइज और कंतारा जैसी कई फिल्मों ने हिंदी सिनेमा को बॉक्स-ऑफिस पर कड़ी टक्कर दी है।

–आईएएनएस

एसकेपी

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