धोखाधड़ी के मामले बढ़ने पर बैंकों को साइबर सुरक्षा मजबूत करनी चाहिए : आरबीआई

0

मुंबई, 23 नवंबर (आईएएनएस)। आरबीआई ने गुरुवार को कहा कि बैंकों को अपने ग्राहकों को धोखाधड़ी और डेटा उल्लंघनों की बढ़ती घटनाओं से बचाने के लिए साइबर सुरक्षा मजबूत करने और साइबर धोखाधड़ी की रोकथाम पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर राजेश्‍वर राव ने गुरुवार को एफआईबीएसी 2023 सम्मेलन में अपने संबोधन में कहा कि वित्तीय समावेशन, ग्राहक पहुंच, उत्पाद विकल्प और सुविधा में वृद्धि के साथ बैंकिंग परिदृश्य तेजी से विकसित हो रहा है।

उन्होंने कहा, “हालांकि, धोखाधड़ी और डेटा लीक की बढ़ती घटनाओं के साथ उपभोक्ता के लिए जोखिम भी बढ़ गया है।”

उन्होंने कहा कि बैंक ग्राहकों को आज धोखाधड़ी वाले ऐप्स, गोपनीयता नियम का उल्लंघन और डीपफेक जैसे प्रौद्योगिकी प्रेरित धोखाधड़ी के खतरे का सामना करना पड़ रहा है।

राव ने कहा, “यहां तक कि गलत बिक्री भी अब एक डिजिटल अवतार में उभरी है, जिसे डार्क पैटर्न कहा जाता है। डार्क पैटर्न डिज़ाइन इंटरफेस और रणनीति हैं, जिनका उपयोग उपयोगकर्ताओं को वांछित व्यवहार में फंसाने के लिए किया जाता है, जैसे कि तत्काल ऋण के रूप में उच्च लागत वाले अल्पकालिक उपभोक्ता ऋण का लाभ उठाना। हमें कड़ी मेहनत करनी चाहिए, स्मार्ट तरीके से काम करना चाहिए और ग्राहकों को इन खतरों से बचाने के लिए उनके विश्‍वास को बनाए रखने और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि ग्राहकों की सुरक्षा का एक प्रमुख तत्व उन्हें एक कुशल, त्वरित और लागत प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र प्रदान करना है।

उन्‍होंने कहा, “दुर्भाग्य से, ऐसा प्रतीत होता है कि ग्राहकों की शिकायतों का समय पर समाधान प्रदान करने के बैंकों के प्रयास प्रौद्योगिकी और उत्पादों में विस्फोट के साथ तालमेल नहीं रख पाए हैं।“

उन्होंने कहा, “हालांकि बैंक ग्राहक अधिग्रहण के नए और नवोन्मेषी तरीके अपनाने में भारी निवेश कर रहे हैं, लेकिन ग्राहक शिकायत निवारण तंत्र में सुधार के बारे में बहुत कम सोचा जा रहा है।”

राव ने कहा, “यह उस क्षेत्र के लिए बहुत अजीब लगता है जो सेवा उद्योग होने पर गर्व करता है। हम निश्चित रूप से शिकायतों पर टीएटी और एमआईएस की निगरानी के बजाय शिकायत निवारण की गुणवत्ता पर बोर्ड और शीर्ष अधिकारियों की ओर से अधिक गंभीर विचार और मंशा देखना चाहते हैं।“

उन्होंने बैंकों को अपनी सेवाओं, उत्पादों और संचालन में अधिक सहानुभूति लाने की जरूरत पर भी जोर दिया।

राव ने कहा, “उदाहरण के लिए, वरिष्ठ नागरिकों को सुरक्षित और मैत्रीपूर्ण तकनीकी-बैंकिंग प्रदान करने के लिए अधिक प्रयास की जरूरत है। बैंकों को अपने कर्मचारियों से वरिष्ठ नागरिकों, विशेष जरूरतों वाले लोगों, तकनीकी रूप से अक्षम लोगों या ऐसे लोगों के साथ विशेष देखभाल और सहानुभूति का व्यवहार करना चाहिए, जिन्हें मदद की जरूरत हो सकती है।”

उन्होंने कहा कि बोर्ड को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके पहुंच बिंदु – शाखाएं, वेबसाइट और ऐप विशेष जरूरतों वाले ग्राहकों के लिए उपयोगकर्ता के अनुकूल और सुविधाजनक हों।

राव ने कहा, “हम उद्योग जगत के साथ अपनी बातचीत में इन विषयों को अधिक सख्ती से उठा रहे हैं, लेकिन बिरादरी के भीतर एक सांस्कृतिक और व्यवहारिक बदलाव की भी जरूरत है, जिस पर मैं जोर देना चाहूंगा।”

–आईएएनएस

एसजीके

Leave A Reply

Your email address will not be published.