न्यूज़ीलैंड में भारतीय डेयरी स्टोर मालिक पर हमला करने के मामले में किशोर को जेल

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वेलिंगटन, 13 नवंबर (आईएएनएस)। न्यूजीलैंड में 18 साल के एक लड़के को एक भारतीय डेयरी स्टोर मालिक को लूटने और उस पर बार-बार हमला करने के आरोप में तीन साल से अधिक की जेल की सजा सुनाई गई है।

न्यूज़ीलैंड हेराल्ड अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, निकोलस तुमानाको उन चार लुटेरों में शामिल था, जिन्होंने 6 जुलाई को हैमिल्टन में नितिन पटेल की दुकान को निशाना बनाया और उन्हें कई बार लात-घूंसों से मारने के बाद पैसे और सिगरेट लेकर भाग गए थे।

तुमानाको ने पिछले सप्ताह हैमिल्टन जिला न्यायालय में खुद को दोषी माना।

अदालत को बताया गया कि पटेल 6 जुलाई की दोपहर फोन पर बात कर रहे थे जब हथियारबंद तीन लोग एक चोरी की कार से बाहर निकले और हैमिल्टन में सिल्वरडेल सुपरेटे पर धावा बोल दिया।

लुटेरों में से एक ने पटेल पर रॉड से कई बार वार किया, जबकि दूसरा काउंटर पर कूद गया।

तुमानाको एक कुल्हाड़ी लेकर दौड़ा और काउंटर पर जोर से मारा। फिर पीछे की ओर भागा और वापस आकर फर्श पर गिरे पैसे उठा लिए।

बाहर भागने से पहले समूह ने जमकर तोड़फोड़ की और सिगरेटें चुरा लीं और पटेल पर फिर से रॉड से हमला किया।

इसके बाद, चोरी की कार का ड्राइवर बाहर निकला और पटेल के सिर में लात मारी और मुक्का मारा, इससे पहले कि तीनों लुटेरे 300 न्यूजीलैंड डॉलर कैश और काफी मात्रा में सिगरेट लेकर भाग गए।

अपने मुवक्किल के बचाव में पेश होते हुए, वकील कालेब व्हाईट ने अदालत को बताया कि तुमानाको के पास एक कुल्हाड़ी थी, उसने इसका इस्तेमाल केवल काउंटर पर पटकने के लिए किया, उसने दोबारा इसका इस्तेमाल नहीं किया।

डकैती के दौरान की गई हिंसा को लड़के ने “तुरंत स्वीकार कर लिया” और उसे इस बात का पछतावा भी है।

न्यायाधीश फिलिप क्रेयटन ने कहा कि हमले से पहले पटेल का स्वास्थ्य ठीक नहीं था और अब सशस्त्र डकैती के कारण उनके पैर में गंभीर चोट लग गई है और उनके व्यवसाय को आर्थिक नुकसान हुआ है।

जज क्रेयटन ने कहा, “इसमें एक गंभीर हमला शामिल था। यह हिंसा थी जो बिना कि कारण थी।”

पटेल अभी भी काम कर रहे हैं, लेकिन उनके बेटे ने कहा कि उनके पिता अब कोई भारी चीज नहीं उठा सकते या दौड़ नहीं सकते, और उन्हें उठने बैठने में मदद की ज़रूरत होती है।

पटेल ने कहा कि वह लुटेरों से नहीं डरते हैं लेकिन उन्हें अपने परिवार के सदस्यों की सुरक्षा का डर है जो भविष्य में स्टोर में काम कर सकते हैं।

–आईएएनएस

एसकेपी

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