मप्र में भाजपा की मुश्किलें बढ़ीं, भ्रष्टाचार के खिलाफ बढ़ा गुस्सा

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भोपाल, 12 मई (आईएएनएस)। शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर के बीच, कर्नाटक की तरह भ्रष्टाचार के खिलाफ बढ़ते गुस्से की वजह से पार्टी (भाजपा) को और अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

साथ ही चुनाव नजदीक आने के साथ शीर्ष स्तर से लेकर जमीनी स्तर के कैडर तक असंतोष, मध्य प्रदेश में भाजपा के लिए और अधिक चुनौतियां पैदा कर रहा है। राज्य नेतृत्व संभावित विद्रोहों को शांत करने का प्रयास कर रहा है, और अब संगठन के नेताओं को इस कठिन कार्य में लगाया गया है।

भाजपा के सूत्रों के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों से बागी पूर्व विधायकों, पूर्व मंत्रियों को दरकिनार करने की तुलना में निचले स्तर के पार्टी कार्यकर्ताओं में बढ़ता असंतोष अधिक परेशान कर रहा है।

इसने शिवराज नेतृत्व को बूथ स्तर पर तीसरे दौर का अभियान शुरू करने के लिए प्रेरित किया। स्थिति का जायजा लेने के लिए संगठन के नेताओं का एक समूह बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ बंद कमरे में बैठक कर रहा है।

भाजपा के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महासचिव शिवप्रकाश, क्षेत्रीय संगठन महासचिव अजय जंबार और राज्य प्रभारी मुरलीधर राव को असंतुष्ट नेताओं और कार्यकर्ताओं को शांत करने का जिम्मा सौंपा गया है।

संगठनात्मक कार्य देखने वाले भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस को बताया कि संगठन के नेता निचले स्तर के कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं ताकि उन्हें पार्टी के साथ रखा जा सके और स्थानीय नेताओं की समीक्षा की जा सके। समीक्षाओं के आधार पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को उन लोगों तक पहुंचने का काम सौंपा जा रहा है जो विपक्ष को अपना समर्थन दे सकते हैं।

महत्वपूर्ण बात यह है कि असंतोष केवल कुछ प्रमुख क्षेत्रीय नेताओं के कारण ही नहीं, बल्कि शिवराज सिंह चौहान सरकार में भ्रष्टाचार के खिलाफ बढ़ती लहर के कारण भी बढ़ रहा है। रीवा में एक भाजपा कार्यकर्ता ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व ने स्थानीय कार्यकर्ताओं पर कोई ध्यान नहीं दिया है। अब जब चुनाव नजदीक आ रहा है तो हमारे नेता जाग गए हैं और स्थानीय कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं।

–आईएएनएस

एफजेड/एसकेपी

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