राज्यों के विकास के लिए पहले की तरह केंद्र सरकार से मदद नहीं मिलती : नीतीश
पटना, 27 मई (आईएएनएस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्यों के विकास के पहले केंद्र सरकार से जितनी मदद मिलती थी उतनी अब नहीं मिल रही है। नीति आयोग की बैठक में नहीं भाग लेने के संबंध में उन्होंने कहा कि हमने पहले ही सूचना दे दी थी कि हमारा कार्यक्रम पहले से ही तय है।
पटना में शनिवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए जब पत्रकारों ने नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने से संबंधित प्रश्न के उत्तर में कहा कि नीति आयोग की मीटिंग को लेकर काफी पहले सूचना आ गयी थी। हमने पहले ही सूचना दे दी थी कि हमारा कार्यक्रम पहले से ही तय है। उन्होंने कहा कि दोपहर बाद मीटिंग होती तो जरूर जाते।
उन्होंने यह भी कहा कि हमने बिहार की तरफ से मीटिंग में शामिल होने को लेकर अन्य लोगों और अधिकारियों का नाम भेजा था, लेकिन वे लोग नहीं माने।
उन्होंने कहा कि बैठक में जाते तो एक बार फिर से विशेष राज्य के दर्जा के मुद्दे को उठाने वाले थे। उन्होंने कहा कि जाति आधारित जनगणना जो केंद्र सरकार ने 2011 में करायी थी, उसको इस बार इनको करना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि राज्यों के विकास के पहले केंद्र सरकार से जितनी मदद मिलती थी उतनी अब नहीं मिल रही है। इन सब चीजों पर हम पहले से अपनी बातें कहते रहे हैं। नीति आयोग की बैठक में इसे फिर से कहते।
संसद के नये भवन के उद्घाटन के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नया भवन बनाने की क्या जरूरत थी। जब नई बिल्डिंग बनाने की बात हुई थी तो उस समय भी हमें अच्छा नहीं लग रहा था। आजादी के समय जो बिल्डिंग भी उसी को और विकसित करना चाहिए था, अलग से नया बनाने का कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा कि देश के पुराने इतिहास को बदला जा रहा है। पुरानी चीजों को खत्म कर देने से इतिहास के बारे में कैसे पता चलेगा। आजकल जो शासन में हैं वो सारे इतिहास को बदल देंगे। आजादी की लड़ाई के इतिहास को भी बदल देंगे हमलोग एक-एक चीज मानते हैं।
नीतीश कुमार ने कहा कि देश का इतिहास बहुत ही आवश्यक है। कल संसद भवन की नई बिल्डिंग का उद्घाटन समारोह बेकार है, इसका कोई मतलब नहीं है, बाकी लोगों को भी हम कहेंगे कि इस बात को समझिए।
उन्होंने कहा कि कोई नई चीज का उद्घाटन होता है तो उसके हेड को बुलाया जाता है। राष्ट्रपति को इनलोगों ने नहीं बुलाया है । ये लोग अपने से ही उद्घाटन कर रहे हैं। ऐसा आज तक कभी नहीं हुआ है।
संसद भवन के उद्घाटन समारोह में मायावती समेत विपक्ष के कई नेताओं के शामिल होने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कौन-कौन लोग जा रहे हैं इसकी जानकारी मुझे नहीं है।
बिहार विधानसभा के विस्तारित भवन के उद्घाटन समारोह में राज्यपाल को नहीं बुलाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस समय विधानसभा का विस्तारित भवन बना था, जो लोग आज बोल रहे हैं उस समय वे लोग मेरे साथ ही थे इस बात को वे लोग भूल गये हैं?
उन्होंने कहा कि भवन का सिर्फ विस्तार किया गया है, नया बिल्डिंग नहीं बनाया गया है। बिहार में विधानसभा का कोई नया भवन नहीं बना है।
2000 रुपये के नोट बंद किये जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नोटबंदी के समय एक हजार रुपये के नोट को बंद कर दो हजार रुपये के नोट को इनलोगों ने शुरू किया था। अब दो हजार रुपये के नोट को भी बंद किया जा रहा है, इसका क्या मतलब है। उन्होंने कहा कि वे लोग क्या कर रहे हैं उन्हीं लोगों से पूछिए।
–आईएएनएस
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