मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र की बड़ी सौगात जनता को समर्पित किया डोबरा-चांठी पुल
वर्षों तक इंतजार के बाद टिहरी जिले के प्रतापनगर क्षेत्रवासियों के लिए आज, कभी न भुलाया जाने वाला वह दिन आ ही गया. प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज प्रतापनगर को टिहरी से जोड़ने वाले बहुप्रतीक्षित डोबरा-चांठी पुल का उद्घाटन कर उसे जनता को समर्पित कर दिया. डोबरा-चांठी पुल देश का सबसे लंबा सस्पेंशन ब्रिज है. इस पुल से आवागमन शुरू होने के बाद टिहरी जिले के प्रतापनगर क्षेत्र की लगभग ढाई लाख आबादी को बड़ी राहत मिलेगी.
लोकार्पण के अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इस पुल के लिए प्रतापनगर क्षेत्र की जनता ने लंबे समय तक इंतजार किया और राज्य स्थापना दिवस पर यह उनके लिए सौगात है.
डोबरा-चांठी पुल से आवागमन शुरू होने के बाद अब लोगों को टिहरी जाने के लिए लंबा रास्ता तय नहीं करना पड़ेगा. टिहरी झील के ऊपर बना यह पुल प्रतापनगर वासियों के लिए जीवन रेखा का काम करेगा. पुल के बन जाने से लोगों का समय भी बचेगा और लोगों को कई किलोमीटर अतिरिक्त सफर तय नहीं करना पड़ेगा.
वर्ष 2005 में टिहरी बांध निर्माण के दौरान झील भर जाने के बाद टिहरी और प्रतापनगर के बीच आवागमन के सभी रास्ते, पुल बंद हो गए थे. इसके चलते प्रतापनगर क्षेत्र के लोगों के लिए टिहरी झील ‘काला पानी की सजा’ की तरह बन गई थी। लोगों ने डोबरा-चांठी पुल की मांग को लेकर जनांदोलन चलाया जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने पुल की घोषणा की.
डोबरा-चांठी पुल की लंबाई 725 और चौड़ाई सात मीटर है। साढ़े पांच मीटर पर वाहन चलेंगे, तथा बाकी डेढ़ मीटर पर पैदल आने-जाने के लिए पुल के दोनों तरफ 75-75 सेंटीमीटर चौड़ाई के फुटपाथ बनाए गए हैं। पर्यटन की दृष्ठि से भविष्य में डोबरा-चांठी पुल एक नया केंद्र हो सकता है.